सिर्फ़ 26 वर्ष की उम्र में Digiwod – World of Digital की स्थापना कर, रविंदर सिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि बड़ी सोच और मेहनत के आगे उम्र कोई मायने नहीं रखती। वह केवल एक सफल उद्यमी (Entrepreneur) ही नहीं बल्कि आज की पीढ़ी के लिए एक युवा सुधारक (Youth Reformist) भी हैं।
लॉकडाउन के कठिन दौर में जब बच्चों की पढ़ाई बिजली की कमी के कारण प्रभावित हो रही थी, तब रविंदर की कंपनी ने धुन्नाग और सिराज जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर चार्जर उपलब्ध कराए। उनकी सोच है –
“शिक्षा शेरनी की तरह है, जितना अधिक पढ़ोगे उतना ही सिस्टम के साथ डटकर अपनी बात कह पाओगे।”
गाँव सन्हाली (जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश) से निकलकर अंतरराष्ट्रीय डिजिटल मंच पर पहचान बनाना न सिर्फ़ युवाओं को प्रेरित करता है बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान भी देता है।
2025 में उन्हें भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया, जो उनके अथक परिश्रम और डिजिटल योगदान का प्रतीक है।
विशेष योगदान
* AI-driven Digital Marketing
* SEO और Google Ads
* ROI-focused PPC Campaigns
* YouTube Marketing
* ऐप एवं वेबसाइट डेवलपमेंट
* ग्राफिक डिज़ाइनिंग एवं ब्रांडिंग
रविंदर की रणनीतियों ने अनगिनत व्यवसायों को नई ऊँचाइयाँ दीं और भारत की डिजिटल शक्ति को वैश्विक स्तर पर मज़बूत किया।
रविंदर सिंह आज की युवा पीढ़ी के लिए एक जीवंत उदाहरण हैं कि –
“सपने अगर सच्चे हों और मेहनत ईमानदार, तो मंज़िलें कभी दूर नहीं रहतीं।”



Ravinder Singh – भारत की डिजिटल क्रांति के युवा शिल्पकार”
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