हिंदी और मराठी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बना रहीं अभिनेत्री वंदना के. पाटिल आज उन चुनिंदा कलाकारों में शामिल हैं जो मेहनत, समर्पण और लगातार सीखने की जिज्ञासा के दम पर आगे बढ़ रहे हैं। फिल्मों, वेबसीरीज़, टीवी शो और म्यूजिक वीडियो हर माध्यम में उन्होंने अपने अभिनय का असर छोड़ा है। एक्टिंग के साथ-साथ वह एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं और लावणी व बॉलीवुड डांस में उनकी पकड़ उन्हें और भी बहुमुखी बनाती है।
वंदना हर किरदार को निभाने से पहले उसकी मनोवैज्ञानिक परतों को समझती हैं। वह सेट पर सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि कैमरा एंगल, फ्रेमिंग और तकनीकी प्रक्रिया पर भी ध्यान देती हैं। अनुभवी कलाकारों को देखकर सीखना, किताबें पढ़ना और संवाद की भाषा को बेहतर बनाना, उनकी रोज़मर्रा की आदतों में शामिल है। नेगेटिव किरदार उनके पसंदीदा हैं क्योंकि ऐसे रोल में एक्सप्रेशन, वाइब्स और एटीट्यूड की चुनौती अधिक होती है, और वह इसे खूब एन्जॉय करती हैं।
उनके करियर में अब तक छह मराठी शो, दो मराठी फिल्में, कई वेबसीरीज़ और हिंदी प्रोजेक्ट शामिल हैं। टीवी शो ‘पार्टनर’ में पुलिस ऑफिसर की भूमिका के दौरान उनकी मुलाकात असरानी और कई प्रतिष्ठित कलाकारों से हुई, जिससे उन्हें काम के दौरान काफी सीख मिली। वंदना की एक हिंदी फिल्म शेमारू ऐप पर रिलीज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने एक दमदार कॉप का किरदार निभाया है। आने वाली फिल्मों में ‘एक तू ही निरंकार’ शामिल है, जिसमें वह दिग्गज कलाकार कुलभूषण खरबंदा के साथ दिखाई देंगी। ‘जिला हाथरस’ में वह एक जर्नलिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जो जल्द ही डीडी वन के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली है। इसके अलावा एक नई फिल्म की शूटिंग भी जल्द शुरू होने वाली है।
वंदना का सफर जितना मजबूत है, उतना ही संघर्षों से भरा रहा है। शुरुआती दिनों में कई बार उनके पास खर्च करने के लिए सिर्फ दस रुपये ही रहते थे। ऐसे में खाना खाएँ या सफर के लिए टिकट लें। वह टिकट लेना चुनती थीं, क्योंकि उनके लिए काम तक पहुँचना ही सबसे बड़ा लक्ष्य था। बिना टिकिट यात्रा कर वह अपने आदर्शों से समझौता नहीं करना चाहती थी। कई बार सेट पर पहुँचते-पहुँचते ब्रेकफास्ट खत्म हो जाता था और वह भूखे पेट ही पूरे समर्पण के साथ शूट करती थीं। उनका मानना है कि इंडस्ट्री में जो नये कलाकार आते हैं। जिनका कोई गॉडफादर नहीं होता, वे अपने माता-पिता से वादा करके आते हैं कि मेहनत से नाम कमाएँगे। लेकिन कई लोग हालातों में बहकर या किसी की बातों में आकर गलत दिशा में चले जाते हैं। वंदना हमेशा यही सलाह देती हैं कि धैर्य रखो, क्योंकि अवसर देर से सही लेकिन मिलता ज़रूर है।
वह कहती हैं -“अपने जमीर के खिलाफ कोई काम मत करो। ऐसा काम करो कि आईने में खुद को देखकर गर्व महसूस हो, पछतावा नहीं।”
वह आगे कहती है कि इस मायानगरी में संघर्ष जरूर है मगर जब यह देती है तो छप्पड़ फाड़ के देती है।
नासिक की रहने वाली वंदना की अभिनय यात्रा एक इत्तेफाक से शुरू हुई, जब वह मुंबई अपनी सहेली के साथ आई, यहाँ उनकी मुलाकात उनकी सहेली के दोस्त से हुई। जो एक स्टील फोटोग्राफर हैं। वहां एक मराठी सीरियल की शूटिंग हो रही थी। अचानक सीरियल की टीम ने कहा कि दो लाइन का संवाद है कोई करना चाहता है वंदना ने हामी भरी और यह रोल उन्हें मिल गया । बाद में टीवी पर उनको देखकर उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उनकी खूब प्रसंशा की। यही से उन्हें अभिनय की राह पर आगे बढ़ने का आत्मविश्वास मिला। तब उन्हें यह भी नहीं पता था कि वह शो मराठी का हिट सीरियल था। यही पल उनके करियर की दिशा बदल गया और उन्होंने मुंबई को अपनी कर्मभूमि बना लिया।
आज वंदना के. पाटिल उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं जो संघर्षों को कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी ताकत बनाती हैं। सीखने की निरंतर इच्छा, मेहनत, प्रोफेशनलिज़्म और हर किरदार में डूब कर काम करने का जज़्बा उन्हें नई पीढ़ी की प्रेरणादायक कलाकारों में एक मजबूत स्थान देता है। आने वाले समय में उनके कई प्रोजेक्ट्स रिलीज होंगे और दर्शक उन्हें विभिन्न भूमिकाओं में देखने के लिए उत्साहित हैं।
एक्ट्रेस वंदना के. पाटिल ने कई मराठी शो, मराठी फिल्में, कई वेब सीरीज और हिंदी प्रोजेक्ट्स किए हैं जिसके लिए उन्हें नाम और शोहरत मिली





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