महाराष्ट्र उर्दू साहित्य अकादमी के 50 वर्षों के जश्न का आग़ाज़
वर्ली स्थित डोम एसवीपी स्टेडियम में “बहार-ए-उर्दू” का भव्य उद्घाटन एक पूरी तरह भरे हुए सभागार के बीच हुआ, जहाँ उर्दू की शायरी, हास्य और संगीत की जादुई शाम ने सभी को मोह लिया।
शाम की शुरुआत फर्खंदा और कोहिनूर म्यूज़िक अकैडमी द्वारा प्रस्तुत “क़ौमी यकजहती गीत” से हुई, जिसके बाद मजीब ख़ान ने साहिर लुधियानवी की शायरी पर आधारित नाट्य प्रस्तुति “इश्क़ जले तो जले ऐसा” से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
इसके बाद हुए सितारों से सजे मुशायरे में राजेश रेड्डी, ओबैद आज़म आज़मी, शकील आज़मी, मेहशर अफरीदी, क़मर सिद्दीकी और शिखा अवधेश ने अपनी शायरी से सभी को उर्दू की दिलकश दुनिया में पहुंचा दिया।
मशहूर हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में दर्शकों को खूब हँसाया, वहीं “फ़िल्मों में उर्दू” विषय पर हुए एक गहन संवाद में सचिन पिलगांवकर, रूमी जाफ़री और सैयद क़ादरी ने शिरकत की। इस पैनल चर्चा का संचालन शेखर सुमन ने किया, जिसमें उर्दू भाषा के सिनेमा पर प्रभाव को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद जावेद अख्तर और रूमी जाफ़री के साथ एक जीवंत इंटरएक्टिव सत्र हुआ, जिसे दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से सराहा। इस सत्र ने उर्दू की भारतीय कहानी कहने की परंपरा में अहम भूमिका को रेखांकित किया।
शो की मेज़बानी शेखर सुमन और अली असगर ने अपने आकर्षक और हास्यपूर्ण अंदाज़ में की। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
पहले दिन की इस यादगार शाम ने यह साबित कर दिया कि उर्दू केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक जज़्बा है, जो दिलों को जोड़ता है और पीढ़ियों को साथ लाता है।
बहार-ए-उर्दू दिवस 1: जावेद अख्तर, सचिन पिलगांवकर, शेखर सुमन और अली असगर की मौजूदगी में खचाखच भरे स्टेडियम में शानदार आग़ाज़











More Stories
Young Filmmaker Isha Chhabra From The USA Impresses With Her New Music Video Gulistan Chale – Music By A.R. Rahman
A Divine Soulful Visual Ode To Diksha
Karnika Mandal Actress to share screen in Epic Period historical movie ‘‘YANA…? with Dashing Rahul B Kumar