आज शिक्षा और चिकित्सा बहुत महंगी हो गई है
— आचार्य विजय कुलचंद सुरीश्वर (के सी)
मानव सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं, जनकल्याण से बड़ा कोई धर्म नहीं। यह उद्बोधन है घाटकोपर पूर्व (मुंबई) अवस्थित शांति सुधा पार्क के जैन मंदिर के आचार्य विजय कुलचंद सुरीश्वर जी का, जिन्होंने हाल ही में केरल के बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ एक मोटी धनराशि और भोज्य सामग्री भिजवायी है। के.सी. बाबा के नाम से लोकप्रिय आचार्य विजय ने एक अनौपचारिक बातचीत में कमजोर पड़ते जाते पारिवारिक/सामाजिक संबंधों/संदर्भों/संपर्कों पर विशेष प्रकाश डाला। अपने गुरु (परमपूज्य) तप गच्छाधिपति प्रेम सुरीश्वर का स्मरण करते हुए के.सी. बाबा ने समाज कल्याण के लिए नयी पीढ़ियों को सजग करने की सलाह दी और कहा कि सिर्फ सफलता हासिल करते जाना ही तरक्की नहीं।
..परिवार//समाज में जब तक समरसता नहीं आयेगी, अपनापन नहीं आयेगा, प्रगति कर के भी पिछड़े ही रहेंगे। आज का हर प्राणी धन के लिए हाय हाय कर रहा है। लक्ष्मी की पूजा में ही मगन है।लेकिन उसके घर में जो लक्ष्मी है, वह उपेक्षित हैै, तिरस्कृत है। ऐसे में चैन कहाँ से आयेेगा। जब तक गृृृह लक्ष्मी का अनादर होगा, धन लक्ष्मी नहीं आयेगी। इसलिए नारियों का सम्मान करो।
एम.एस. के नाम से प्रसिद्ध अपने गुरु प्रेम सुरेश्वर को याद करते हुए विजय सुरीश्वर उर्फ के.सी. बाबा ने अगले वर्ष शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में अपने स्वयंसेवी संस्था “प्रेेेसेवा मिशन” द्वारा कुछ बड़े कार्यक्रम कर नयी योजनाएं शुरू करने की भी बात की। दो वर्ष पहले स्वर्गवासी हुए गुरुदेव प्रेम क जन्म शताब्दी वर्ष बस अगले ही साल शुरु हो रहा है। आगामी २० से २४ मार्च तक इस जैन आश्रम में बहुत बड़े बड़े कार्यक्रमों के आयोजन होंगे।
—-Akhlesh Singh (PRO)
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