सरहद पर क्रिकेट की जंग हृदय को स्पर्श करता है “बटालियन 609” का जवान स्पर्श शर्मा
इस सप्ताह रिलीज होने वाली फिल्म ‘बटालियन 609’ दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है. इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि एक वार फिल्म होते हुए भी इसमें क्रिकेट एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. भारत पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच बोर्डर पर होता है. कैसे सोल्जर्स की टीम बनती है, यह फिल्म में दिखाया गया है. फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस फिल्म में भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच है. जो सरहद पर खेला गया है. यह अपने आप में एक अनोखी फिल्म है. भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों के विषय को छूती एक अनूठे विषय पर बनी डायरेक्टर बृजेश बटुकनाथ त्रिपाठी की फिल्म ‘बटालियन 609 का निर्माण नारायणदास लालवानी द्वारा किया गया है. फिल्म यह कहना चाहती है कि जरुरी नहीं है कि जंग के द्वारा ही दो देशों के मुद्दे हल हों. बातों से समस्या का समाधान निकल सकता है युद्ध से नहीं.
‘बटालियन 609’ अपने तेवर से देशप्रेम के विषय वाली फिल्म लगती है, मगर शुरू होने के कुछ ही देर बाद अंदाजा हो जाता है कि इसमें इंडिया-पाकिस्तान के बीच की दुश्मनी को क्रिकेट मैच से जोड़कर देश प्रेम का जज्बा जगाने की कोशिश की गई है. यह कोशिश कच्ची साबित हुई है. इंडिया-पाकिस्तान की सीमा पर अब तक ‘फिल्मिस्तान’, ‘वार छोड़ न यार’ जैसी कई फिल्में बनी हैं और यह भी उसी कड़ी की फिल्म है. फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान की सरहद से शुरू होती है, जहां दोनों देशों के जवान सीमा रक्षा के अपने फर्ज को मुस्तैदी से अंजाम दे रहे हैं. भारत की बटालियन 609 का कैप्टन कामराज मिश्रा (शोएब इब्राहिम) देश प्रेम को लेकर बहुत ही जुनूनी और जज्बाती है. कामराज की बटालियन में उसका दोस्त जसपाल सिंह (स्पर्श शर्मा), इकबाल कुरैशी (विश्वास कीनी), बलबीर सिंह (जश्न सिंह कोहली), जैसे जांबाज हैं, तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना के कैप्टन अनवर आलम (विकी आहूजा) के भी अपने बहादुर जवान हैं. इंडिया-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प होती है और दोनों सेना के कैप्टन आपस में क्रिकेट मैच खेलने का फैसला करते हैं. तय होता है कि जो मैच हारेगा, उसे अपने देश की जमीन में से 18 किलोमीटर की जगह देनी होगी. कामराज अपने सीनियर्स की गैरजानकारी में यह फैसला लेता है और फिर उसे तालिबान के साथ-साथ कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
फिल्म में शोएब इब्राहिम, स्पर्श शर्मा, एलीना कजान, फरनाज शेट्टी, विक्की आहुजा, विश्वास कीनी, विकास श्रीवस्तव, जश्न कोहली, चंद्रप्रकाश ठाकुर और करीम हाजी मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म के नायक कामराज मिश्रा का किरदार शोएब इब्राहिम ने निभाया है. टीवी ऐक्टर शोएब इब्राहिम इस फिल्म से अपना डेब्यू कर रहे हैं. उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय करने की असफल कोशिश की है.
फिल्म में उनके साथियों की भूमिका में विश्वास कीनी और जश्न सिंह कोहली ने ठीक ठाक काम किया है. मोदी के रूप में शुक्ला जी कार्टून जैसे है. पाकिस्तानी कैप्टन की भूमिका में विकी आहूजा कुछ ज्यादा ही ओवर एक्टिंग करते हैं. अभिनेत्रियों की बात करें, तो उन्हें स्क्रीन पर ज्यादा मौका नहीं मिला है. एलीना कजान और फरनाज शेट्टी खूबसूरत लगी हैं. कामराज के सामानांतर किरदार है जसपाल सिंह का, जिसको सब जस्सी बुलाते है. यह किरदार इस फिल्म में सबसे इंट्रेस्टिंग है, जिसे स्पर्श शर्मा ने बखूबी निभाया है. यह एक ऐसा किरदार है जिससे दर्शकों को प्यार हो जाता है. जस्सी के किरदार में इतने सारे शेड्स हैं कि यह चरित्र हमें याद रह जाता है. दरअसल जस्सी एक इंडियन फौजी है और उसके अन्दर फ़िल्मी कीड़ा है. वह फिल्मो से बड़ा इंस्पायर्ड है और सदाबहार एक्टर्स के मशहूर डायलॉग बोलता है. वह किसी भी सिचुएशन में किसी मशहूर कलाकार का कोई संवाद बोल देता है जो उस स्थिति में सटीक लगता है. यह एक ऐसा किरदार है जो फिल्म में कॉमेडी भी क्रिएट कर रहा होता है. जस्सी की कॉमेडी का अंदाज़ ऐसा है कि दर्शकों को गुदगुदा कर निकल जाता है. जस्सी एक ऐसा किरदार भी है जो अपने वतन के लिए कुछ भी कर गुजरने का जज्बा भी रखता है. इस फिल्म में स्पर्श शर्मा के अपोजिट हिरोइन फर्नाज़ शेट्टी हैं. इनके साथ जस्सी का रोमांस चलता रहता है. फ़रनाज़ ने फिल्म में बिजली का किरदार अदा किया है. जस्सी कैसे बिजली को इम्प्रेस करने की कोशिश करता रहता है, यह देखना फिल्म में बड़ा रोचक प्रतीत होता है. इस फिल्म में बिजली और जस्सी की क्युट सी लव स्टोरी है.
कई वर्षों तक थिएटर करके एक्टिंग की बारीकियां सीखने वाले स्पर्श शर्मा की यह तीसरी फिल्म है इससे पहले कबीर सदानंद के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘गोलू और पप्पू’ और ‘फ़गली’ में उन्होंने अभिनय किया था. 11 जनवरी को रिलीज हुई फिल्म ‘बटालियन 609’ में अपनी अदाकारी से स्पर्श शर्मा ने यह साबित कर दिया है कि वह एक वेरस्टाइल ऐक्टर हैं, जो हर रोल में अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा लेते हैं.
देशप्रेम को जगाने के लिए दोनों देशों के बीच आन-बान समझे जाने वाले क्रिकेट के खेल को ‘बटालियन 609’ में समेटा है, मगर कहानी और स्क्रीनप्ले कमजोर है. संवाद कही – कही अच्छे है. हंसाते है, गुदगुदाते है और भावुक भी कर देते है.
दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों का क्रिकेट मैच की बिसात पर 18 किलोमीटर की जमीन का दांव लगाना अनरियलिस्टीक लगता है. सेकंड हाफ में क्रिकेट बोर करता है. फिल्म ‘लगान’ की याद दिलाती है.
‘दो पैग पीके’, ‘खोया रहूं तुझमें’ जैसे फिल्म के गाने ठीक-ठाक हैं. लेकिन गांड में डंडा डालने की बात गाने में गीतकार की गन्दी सोच का परिचायक है.
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म नोटिस की जाये इसमें संदेह है । हलके- फुल्के मनोरंजन और टाइम पास के लिए यह फिल्म एक बार देखी जा सकती हे
स्टार रेटिंग: 3* / 5* रमाकांत मुंडे.
More Stories
Eram Faridi Celebrates Global Milestone With Cannes Selections And Feature Film Launches
Dr Ashvini Persaud Nominated For Mom Dad God Of Universe Awards 2025.. Season 2 In Mumbai
IMPPA President Abhay Sinha Invited To Attend WAVES 2025