भारतीय फिल्म जगत के पितामह कहे जाने वाले दादासाहेब फाल्के की १५६वीं जयंती के अवसर पर दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन द्वारा एक भव्य पुरूस्कार समारोह का आयोजन किया जा रहा है. फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन कलाकार और टेक्नीशियन को दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड से सम्मानित करने की प्रथा कई वर्षो से चली आ रही है। इस वर्ष ३ मई २०२५ को मुंबई के मुकेश पटेल ऑडिटोरियम मे होने वाले इस अवार्ड का मुख्य उद्देश्य है कि पर्दे के पीछे वाले टेक्नीशियन, मजदूर और कलाकार जैसे डांसर्स, जुनियर आर्टिस्ट, फाइटर्स के कार्य की सराहना करके उनकी हौसला अफजाई करते हुए दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड देकर सम्मानित करना।
इस कार्यक्रम में हर साल कई जाने माने सितारे और फिल्म जगत के दिग्गज अपना योगदान दे कर शिरकत करते हैं।
फिल्म जगत की ३२ असोसिएशन अपने अपने बेस्ट योग्य सभासद को इस अवार्ड के लिए नोमिनेट कर फाउंडेशन को सिफारिश करती है। फिल्म, टीवी सीरियल, वेब सीरीज के सितारों, गायक गायिकाओं तथा प्रोड्यूसर डायरेक्टर्स को करीब ७५ अवार्ड का वितरण प्रमुख अतिथि तथा करीब २००० बोलीवुड से जुड़े लोगों की उपस्थिति में किया जाएगा।
फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अशफ़ाक खोपेकर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबू भाई थीबा तथा उपाध्यक्ष अशोक शेखर और उपाध्यक्ष वसुधा पंड्या ने इस कार्यक्रम की बागडोर संभाली है. दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड दरअसल एक मिशन है. फिल्मी दुनिया की ३२ से ज्यादा असोसिएशन के करीब 5 लाख सभासद को एक साथ एक् विचार धारा में लाकर सम्मानित करना। स्पॉट बॉय से लेकर सुपरस्टार तक सब को छोटे बड़े का भेदभाव भुलाकर एक मंच पर लाकर दूनिया में मिसाल कायम करना यही है।
अशफ़ाक खोपेकर का कहना है कि बदनसीबी यह है की कुछ नाकामियाब फिल्मी और नॉन फिल्मी लोग जो असोसिएशन के कुछ खुदगर्ज लोगों के सहारे से असोसिएशन पर कब्जा जमाकर बैठे इस मिशन को पुरा करने मे बाधा ला कर कुछ दिन के लिए रोक तो सकते हैं पर खत्म नहीं कर सकते। दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवार्ड के मिलते जुलते नाम बना कर अवार्ड करवा कर लोग फायदे उठा रहे हैं। फिल्मी दुनिया के सदस्यों को मरते दम तक काम के लिए स्ट्रगल करना पड़ता है. सरकार की कोई भी स्कीम फिल्म इंडस्ट्री के लोगों पर लागू नहीं होती जब की इन्टरटेन्मेट एक मात्र इंडस्ट्री है जो सरकार को बेशुमार टेक्स देती है। ऐसे में इन्डस्ट्री के लोगों को अपनी संस्था के सिवा कोई सहारा नहीं रहता है, पर अब कई फिल्मी असोसिएशन पर असामाजिक लोगों का कब्जा हो चुका है और सरकार और इन्डस्ट्री के दिग्गज चुप्पी साधे हैं। दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन सिर्फ अवार्ड तक सीमित न रह कर फिल्म इंडस्ट्री के लोगों की सेवा करने और हक की लड़ाई लड़ने के उद्देश्य से बनी है।
फाउंडेशन का अगला कदम मेम्बर्स के लिए मेडिकल और उनके बच्चों के लिए एजुकेशन हेल्प तथा हाउसिंग स्कीम की जल्द शुरुआत करना है.
फाउंडेशन के अध्यक्ष आशफाक खोपेकर वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबू भाई थीबा की मेहनत और लगन से कई सालों से इस कार्य के जरिए फिल्म इन्डस्ट्री के मजदूर टेक्नीशियन कलाकार, पत्रकार और प्रोड्युसर एक जगह जमा हो पा रहे हैं।
Visit website: http://dadasahebphalkeff.com/
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